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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...253 4. पुस्तक मुद्रा
वाममुष्टिं स्वाभिमुखीं कृत्वा पुस्तक मुद्रिका। बायें हाथ को मुट्ठी रूप में बनाकर उसे स्वयं के सम्मुख रखना पुस्तक मुद्रा है।
पुस्तक मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- आज्ञा एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- आकाश तत्त्व केन्द्र- ज्योति एवं ज्ञान केन्द्र प्रन्थि- पीयूष एवं पिनियल ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- ऊपरी मस्तिष्क, निचला मस्तिष्क, आँख एवं स्नायु तंत्र।