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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...243 3. ज्वालिनी मुद्रा
सप्तजिह्वा मुद्रा में अंगूठों से सम्पृक्त कनिष्ठिकाओं को पृथक कर देना, ज्वालिनी मुद्रा है।
ज्वालिनी मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- मूलाधार एवं अनाहत चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं वायु तत्त्व केन्द्रशक्ति एवं आनंद केन्द्र ग्रन्थि- प्रजनन एवं थायमस ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ एवं रक्त संचार प्रणाली।