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232... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
9. अपान मुद्रा
अंगूठों के अग्रभाग को मध्यमा और अनामिका के अग्रभागों से स्पर्शित करना, अपान मुद्रा है।
अपान मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- मणिपुर, स्वाधिष्ठान एवं अनाहत चक्र तत्त्व- अग्नि, जल एवं वायु तत्त्व केन्द्र- तैजस, स्वास्थ्य एवं आनंद केन्द्र ग्रन्थि- एड्रीनल, पैन्क्रियाज, प्रजनन एवं थायमस विशेष प्रभावित अंग- पाचन तंत्र, नाड़ी तंत्र, रक्त संचरण तंत्र, यकृत, तिल्ली, आँतें, हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, मल-मूत्र अंग, प्रजनन अंग एवं गुर्दे।