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170... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
गायत्री जाप के पश्चात की जाने वाली 8 मुद्राओं में से यह एक है। यह मुद्रा मानसिक तनाव, अवनति (Depression) हिचकिचाहट, अनिश्चय जैसे मानसिक रोगों में लाभकारी है। विधि ____ दोनों हाथों को घुटनों पर अथवा घुटनों की तरफ स्थिर करते हुए हथेलियों को आकाश की ओर रखें, अंगूठा और तर्जनी के अग्रभाग को परस्पर संयुक्त करें तथा मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठिका अंगुलियों को हल्की सी अलग करते हुए बाहर की ओर फैलाने पर जो मुद्रा निष्पन्न होती है उसे वैराग्य मुद्रा कहते हैं।28
वैराग्य मुद्रा लाभ
चक्र- मणिपुर, अनाहत एवं स्वाधिष्ठान चक्र तत्त्व- अग्नि, वायु एवं जल तत्त्व प्रन्थि- एड्रीनल, पैन्क्रियाज, थायमस एवं प्रजनन केन्द्र- तैजस, आनंद एवं स्वास्थ्य केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- पाचन संस्थान, नाड़ी