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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...207 पांचवीं मातृका न्यास मुद्रा
खड़े होकर दायें अंगूठे से कान का स्पर्श करना, मातृका न्यास की पांचवीं मुद्रा है।
पंचम मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- आज्ञा एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- आकाश तत्त्व केन्द्र- ज्योति एवं ज्ञान केन्द्र प्रन्थि- पिनियल एवं पीयूष ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- ऊपरी मस्तिष्क, निचला मस्तिष्क, आँख एवं स्नायु तंत्र।