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202... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- मस्तिष्क, आँख, स्नायु तंत्र, हृदय, भुजाएं, फेफड़ें एवं रक्त संचरण तंत्र।
षष्ठम
मातृका न्यास सम्बन्धी मुद्राएँ मातृका शब्द से कई अर्थों का बोध होता है जैसे- माता, वर्णमाला की बारहखड़ी, तान्त्रिकों की सात देवियाँ- ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इन्द्राणी और चामुंडा आदि। यहाँ मन्त्र के वर्णों को मातृका कहा गया है। इन वर्गों अथवा वर्ण समूहों का शरीर के विविध अंगों में न्यास करना मातृका न्यास है। इस न्यास मुद्रा में कुछ मुख्य अंगों पर मन्त्र का उच्चारण करते हुए विधि पूर्वक अंगुलियों का स्पर्श करते हैं। यही मातृका न्यास की मुद्राओं का रहस्य है।