Book Title: Hindu Mudrao Ki Upayogita Chikitsa Aur Sadhna Ke Sandarbh Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 192
________________ 126... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में जोड़ने पर तथा कनिष्ठिका अंगुलियों को दोनों अनामिका से संयुक्त करने पर दूसरी धेनु मुद्रा बनती है। (SMS धेनु मुद्रा-2 लाभ चक्र- स्वाधिष्ठान एवं अनाहत चक्र तत्त्व- जल एवं वायु तत्त्व ग्रन्थिप्रजनन एवं थायमस ग्रन्थि केन्द्र- स्वास्थ्य एवं आनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मल-मूत्र अंग, प्रजनन अंग, गुर्दे, हृदय, भुजाएँ, फेफड़ें, रक्त संचरण तंत्र। 47. इक्षुचाप मुद्रा ___एक प्रकार का धनुष, कमान इक्षुचाप कहलाता है। यह मुद्रा अस्त्र विशेष से सम्बन्धित है। इस मुद्रा का प्रयोग पूर्ववत विघ्न हर्ता, पाप संहर्ता एवं मंगलकर्ता है। विधि वामहस्तांगुलिचतुष्कं, मुष्टीकृत्य तदंगुष्ठं ऋजुतः । उर्वीकृत्य वामपायें, इक्षुचापमुद्रां प्रदर्शयेत् । वही, पृ. 469

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