________________
80...
विधि
हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
मुष्टिं कृत्वा तु हस्ताभ्यां वामस्योपरि दक्षिणम् । कुर्य्यान्मुषलमुद्वेयं, सर्व्वविघ्नप्रणाशिनी ।।
दोनों हाथों को मुट्ठी रूप में बांधकर बायें हाथ के ऊपर दाहिना हाथ
रखना मूसल मुद्रा है। 23
2. योनि मुद्रा
योनि का एक अर्थ है उत्पत्तिस्थान, स्त्रियों की जननेन्द्रिय । इस मुद्रा के द्वारा जननस्थान को दर्शाया जाता है।
विधि
मिथः कनिष्ठिके बद्ध्वा, अनामिकोर्ध्वगाश्लिष्ट - दीर्घमध्य अंगुष्ठाग्रद्वयं न्यस्येद,
योनि मुद्रा
तर्जनीभ्यामनामिके, मयोरथ । योनिमुद्रेयमीरिता ।।