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62... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
पुष्पपुट मुद्रा लाभ
चक्र- मूलाधार एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थि- प्रजनन, एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्र- शक्ति एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, पैर, ऊपरा मस्तिष्क, आँख। 29. सर्पकार मुद्रा
सर्पकार अर्थात सपेरा, साँप को पालने वाला, साँप का तमाशा दिखाने वाला, बीन आदि बजाकर साँप को वश में करने वाला।34
इस मुद्रा चित्र में बीन बजाते हुए सर्पकार को दर्शाया गया है। यह मुद्रा दोनों हाथों से की जाती है।
विधि
बायें हाथ को कंधे के स्तर पर धारण करते हुए बायीं हथेली ऊपर की तरफ, अंगुलियाँ और अंगूठे झुके हुए कटक मुद्रा के समान रहें।