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सम्मान्य सहयोगी सदस्य
श्री मोडीलाल जी सूर्या, खेडब्रह्मा
आपकी जन्म भूमि कोशीथल (जिला भीलवाड़ा) रही। आप बहुत ही धर्मनिष्ठ उदारमना सुश्रावक थे। आपने स्थानक के लिए अपना प्लाट समर्पित किया। साधु-साध्वियों के चातुर्मास कराने की एवं सेवा का लाभ लेने की बहुत भावना रहती थी। आपके पीछे समस्त परिवार में धर्म की भावना एवं उदारता अनुकरणीय है। आप प्रवर्तक श्री अम्बालाल जी म. के अनन्य भक्त थे।
श्री शान्तीलाल जी मोहनोत, सूरसागर (जोधपुर) श्रीमती चन्द्रादेवी, धर्मपत्नी श्री शान्तीलाल जी मोहनोत सूरसागर (जोधपुर)
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आप सूरसागर (जोधपुर) निवासी हैं। आपके सुपुत्र श्री मुन्नालाल जी, प्रमोदकुमार जी, राजेन्द्रकुमार जी आदि सभी धर्म श्रद्धालु हैं। संत-सतियों की सेवा में अग्रणी हैं। स्व. युवाचार्य श्री मधुकर मुनि जी म. सा. के प्रति विशेष श्रद्धा-भक्ति रही है।
पूज्य गुरुदेव श्री कन्हैयालाल जी म. सा. 'कमल' के सूरसागर चातुर्मास करवाने में आपका परिवार प्रमुख रहा। आपके बड़े सुपुत्र श्री मुन्नालाल जी प्रतापनगर, सूरसागर संघ के उत्साही कार्यकर्त्ता हैं। आपके रोहितकुमार नाम का एक सुपुत्र है। सभी धर्म श्रद्धालु हैं।
श्रीमती दाखाबाई मोडीलाल जी सूर्या, खेडब्रह्मा
आप चार वर्ष से निरन्तर वर्षीतप कर रहे हैं। प्रति वर्ष आबू पर्वत पर ओली तप करने हेतु आते हैं। आपकी धर्म-भावना प्रसंशनीय है। आपके सुपुत्र श्री समरथमल जी, विनोदकुमार जी, पुत्र वधू चन्दादेवी, मन्जुदेवी, पौत्र पियुष, विशाल, सौरभ, जयेश, योगेश व पौत्री शीतल आदि सभी धार्मिक भावना वाले हैं। पूज्य गुरुदेव एवं श्री सौभाग्य मुनि जी 'कुमुद' व श्री गौतम मुनि जी म. के प्रति विशेष श्रद्धा-भक्ति है।