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सम्मान्य सहयोगी सदस्य
श्री शान्तिलाल जी सा. दुगड़, नासिक सिटी आप युवा कॉन्फ्रेंस के अनेक वर्षों तक अध्यक्ष रहे। नासिक सिटी श्रावक संघ के अध्यक्ष हैं। वर्धमान महावीर सेवा केन्द्र, देवलाली (नासिक रोड) तिलोकरल धार्मिक परीक्षा बोर्ड, अहमदनगर आदि अनेक संस्थाओं के आप ट्रस्टी हैं। आपकी आचार्य सम्राट् श्री आनन्द ऋषि जी म. व मालव केशरी श्री सौभाग्यमल जी म. के प्रति विशेष श्रद्धा-भक्ति रही है। आप बहुत ही उत्साही, उदार हृदयी धर्म श्रद्धालु श्रावक हैं। आपकी सेवा भावनाओं से प्रेरित होकर, समाज भूषण, समाज गौरव आदि अनेक पद प्रदान किये गये। आपकी धर्मपत्नी श्री चन्द्रकला बहन भी बहुत ही श्रद्धालु श्राविका हैं।
स्व. श्री भंवरलाल जी मेहता, पाली (मारवाड़) आप पाली के सामाजिक, राजनैतिक आदि अनेक संस्थाओं के प्रमुख कार्यकर्ता थे। पंचायत समिति, पाली के प्रधान रह चुके हैं। आप भांवरी के भी सरपंच रहे हैं। अनेक वर्षों तक मरुधर केशरी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष रहे हैं। श्रमण सूर्य श्री मरुधर केशरी जी म. एवं उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. के प्रति आपकी विशेष श्रद्धा रही। पाली श्रावक संघ में भी आपका विशेष सहयोग रहा। आपके दो पुत्र खींवराज मेहता एवं रंगराजमेहता, पाली में ही मानश्री टेक्सटाइल के नाम से व्यवसाय में लगे हुए हैं।
स्व. श्री मेघराज जी रूपचन्द जी, साण्डेराव आप बहुत ही धर्म श्रद्धालु सुश्रावक थे। साण्डेराव संघ के प्रमुख कार्यकर्ता थे। पूज्य गुरुदेव के प्रति अनन्य श्रद्धा-भक्ति थी। आपके श्री कुन्दनमल जी, उम्मेदमल जी, छगनलाल जी, जयन्तिलाल जी आदि सुपुत्र भी बहुत ही आज्ञाकारी व धर्म श्रद्धालु हैं।
जैनसन अम्ब्रेला इण्डस्ट्रीज के नाम से आपका प्रमुख व्यवसाय है।
सेठ श्री सूरजमल जी सा. गेहलोत, सूरसागर (जोधपुर) आपका जन्म माली परिवार में स्व. चतुर्भुज जी गेहलोत के यहाँ हुआ। आप बहुत ही साधारण स्थिति के थे फिर स्व. युवाचार्य श्री मधुकर जी म. के सदुपदेश से जैन धर्म स्वीकार किया। आपकी धर्मपत्नी झमकुबाई व तीनों सुपुत्र व पौत्र बहुत ही धर्म श्रद्धालु हैं। आपके पत्थर का व ट्रांसपोर्ट आदि का बहुत बड़ा व्यवसाय है। जैन धर्म स्वीकार किया तब से दोनों ही सामायिक, पर्व तिथियों में पोषध व रात्रि भोजन आदि सभी धर्म क्रियाएँ कर रहे हैं। प्रतिदिन १६ सामायिक तक भी कर लेते हैं। आपने सूरसागर में बहुत बड़ा अस्पताल का निर्माण करवाया है तथा वहीं पर अनुयोग प्रवर्तक श्री कन्हैयालाल जी म. सा. का चातुर्मास करवाने का भी लाभ प्राप्त किया। अस्पताल को रेफरल चिकित्सालय का रूप देना चाहते हैं। आपकी महासती पानकंवर जी व वर्तमान में महासती जी श्री उमरावकंवर जी म. के प्रति विशेष श्रद्धा है।
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