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जैनमूर्तियों की प्राचीनता - ऐतिहासिक विवेचन
यह कहना कठिन है कि जेनियों की मूर्तियाँ कितनी प्राचीन है। स्टीवेन्सन के अनुसार चौथी शताब्दी पूर्वेसा में किसी जैन नेता प्रभव के नेतृत्व में उपकेशपट्टन में भगवान महावीर की एक मूर्ति स्थापित हुई थी पुरातत्व के प्रमाणों से भी उस समय के लगभग जैनियों में मूर्ति स्थापित करने का प्रचार सिद्ध होता है। हाथीगुम्फा के लेखों में जैन नृपति खारवेल द्वारा पाटलीपुत्र से उस जैन- मूर्ति के लौटाने का उल्लेख है जिसे नन्दराज कलिंग से ले गया था। इससे चौथी शताब्दी पूर्वेसा में नन्द-नृपतियों का जैन धर्मावलंबी होना, कलिंग का जैनधर्म का एक प्राचीन केन्द्र होना तथा पाटलीपुत्र में तीर्थंकरों की मूर्तियों का निर्माण होना विदित होता है । लोहानीपुर पटना से प्राप्त पटना म्यूजियम की दो भग्न दिगम्बर मूर्तियों में से एक की पालिश में मौर्यकाल की विशेषताएँ हैं और दूसरी की निर्माण-कला दूसरी सदी पूर्वेसा से मिलती है। संभव हैं कि वे दूसरी और तीसरी सदी पूर्वेसा की जैन-मूर्तियों के नमूने हों । अर्थशास्त्र के लेखक ने भी जयंत, विजयंत और सर्वार्थसिद्धि में जैन देवताओं का उल्लेख किया है ।
अनन्त, रानी और गणेशगुफा इत्यादि उड़ीसा की अधिकांश गुफाएँ दूसरी सदी पूर्वेसा में खोदी गयी थीं । अनन्त गुफा की दीवाल पर त्रिशूल और स्वस्तिक के चिह्न तथा श्रांगन में जैन मूर्तियाँ मिलती हैं। रानीगुफा की दीवालों पर जैन धार्मिकउत्सवों के दृश्य अंकित मिलते हैं । इनसे ईस्वी सन् के पूर्व जैन-मूर्तियों का निर्माण सिद्ध हो जाता है ।
उपर्युक् में मथुरा जैनियों का प्रसिद्ध स्थान था । वहाँ की खुदाइयों में अधिकतर दूसरी सदी पूर्वेसा से तीसरी शताब्दी तक के जैन स्तूप, मन्दिर और पत्थर मिले हैं। मथुरा के पत्थरों से हमें जैन मूर्तियों के विषय में अध्ययन के लिए बहुत कुछ सामग्रियाँ मिल जाती है। इनमें हमें ऋषभदेव से लेकर प्रायः सभी तीर्थंकर मिलते हैं। इससे यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि उस समय तक जैनियों में चौबीस तीर्थकरों की प्रतिमाएँ प्रचलित हो चुकी थीं।
arrai की मूर्तियां विशुद्धतः भारतीय भावना की प्रतीक हैं। इनमें किसी विदेशी प्रभाव का आभास नहीं मिलता। बुद्ध और उनकी मूर्तियों से पृथक करने वाली जैनमूर्तियों को प्रधान विशेषता उनकी नग्नता है। परन्तु यह केवल दिगंबर मूर्तियों में होती है; श्वेताम्बर अपनी मूर्तियों को वस्त्रों से विभूषित करते हैं। जिन मूर्तियों की