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[ भाग १५
श्रीमान् प्रो० शेषय्यंगार एम० ए० गदाम यूनीवर्सिटी, श्रीमान् कविवर रामाधारीसिंह 'दिनकर' पटना ; श्रीमान् चा० रामबालक प्रसाद पटना श्रीमान् रजनीकान्त शास्त्री बक्सर; श्रीमान् उमाकान्त प्रेमचन्द शाह घड़ियाजी गेल, बड़ोदा श्रीमान् प्रो० राजकुमार साहित्याचार्य बड़ौत; श्रीमान् पं० परमानन्द शास्त्री, बीर-सेवा-मन्दिर सरसावा; श्रीमान् सी० बूलच्छे जर्मन स्कालर इलाहाबाद यूनीवर्सिटी !
संग्रह - पूर्ववत् इस वर्ष भी मुद्रित संस्कृत, प्राकृत, मराठी, गुजराती एवं हिन्दी आदि विभिन्न भारतीय भाषाओं के ५० ग्रन्थ और अंग्रेजी के १०, इस प्रकार कुल ६० प्रन्थ संग्रहीत हुए ।
'भवन' को इस वर्ष ग्रन्थ प्रदान करनेवालों में दिगम्बर जैन स्त्री समाज आग, श्रीमान् बा० हेमेन्द्रचन्द्र जैन आरा एवं व्यवस्थापक आर्चलोजिकल मैसूरु आदि के नाम उल्लेख योग्य हैं।
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समालोचनार्थ प्राप्त ग्रन्थ - ( १ ) महाबन्ध ( महाघवल- सिद्धान्त-शास्त्र) ( २ ) दो हजार वर्ष पुरानी कहानियाँ (३) हिन्दी जैन साहित्य का संक्षिप्त जैन इतिहास ( ४ ) आत्म समर्पणा ( ५ ) आधुनिक जैन कवि ( ६ ) मुक्तिदूत ( ७ ) पथचिन्ह (८)
खडागम (घवला टीका ८ वीं जिल्द) (१) मदन पराजय ( १ ) करलक्खा (११) कन्नड़ प्रान्तीय ताड़यत्रीय ग्रन्थ-सूची (१२) कुन्दकुन्दाचार्य के तीन रत्न (१३) तत्त्वार्थ सूत्र (१४) मोक्षमार्ग प्रकाश (१५) जैनधर्म (१६) वर्गी वाणी (१७) राजुलकाव्य (१८)
भाभ्यफल |
साहित्यिक और धार्मिक सभाएँ - श्राग नगर में भवन के जैसा विशाल और सुरम्य दूसरा प्राण नहीं है, इसलिये इस प्राण में सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समारोह प्रायः प्रत्येक महीने में होते रहते हैं। श्रुतपंचमी और महावीर जयन्ती इन धार्मिक समारोहों के साथ-साथ शाहाबाद जिला - हिन्दी-साहित्य सम्मेलन और सांस्कृतिक जागरणा समिति के नैमित्तिक समागेह भी होते रहे। शाहाबाद जिल्ला हिन्दी-साहित्य-सम्मेलन की ओर से तुलसी जयन्ती का समारोह इस भवन में ऊँचे पैमाने पर मनाया गया था, जिसमें बाहर के विद्वान् भी सम्मिलित हुए थ्रे 1
इस वर्ष लगभग दो सहस्र रुपये व्यय करके 'भवन' की पूरी बिल्डिंग पर 'रंग' कर दिया गया है तथा अलमारियोंपर पालिस भी करा दी गयी है; जिससे भव्य भवन की शोभ और भी अधिक बढ़ गयी है ।
देवाश्रम, आरा
१२-६-४८
चक्रेश्वर कुमार जैन
बी० एस-सी०, बी० एल०
मंत्री, श्रीजेन-सिद्धान्त-भवन आर