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भास्कर
progress. Mathura was no doubt the centre of Jainism there were Jain temples, Vihars, images and adhevents throught Northern India but they have no place in this record. Budhism, that too, in exar ggerated from has been pictured by him.
[अर्थः-यद्यपि वैदिक तथा जैन धर्म बौद्ध धर्म के साथ २ उन्नति कर रहे थे, फिर भी इस धार्मिक वृत्ति के यात्री के सिवा बौन्द्व धर्म के बहुत ही कम, बल्कि नहीं के बराबर वृत्तान्त कथन किया हुअा पाया जाता है। मात्र बुद्धों की जानकारी, वह भी चढ़ा बड़ा कर लिखी मिलती है। जैन धर्म प्रगति पथ पर ही अग्रसर था। उत्तर भारत में कई स्थानों पर जैन मन्दिर, जैन बस्तियाँ, जिन प्रतिमाओं एवं अनुयायी दृष्टिगत होने हैं।