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अव्यय
क्या
बालहों
बालक के लिए
जमु
दिवसु
(वाल) 4/1 (जम) 1/1 (दिवस) 2/1 अव्यय (चुक्क) व 3/1 सक
यमराज दिन (को) पादपूरक भूल जाता है
चुक्कइ
उसको
णिसुणेवि
सुनकर
भरहु
भरत
णिब्भच्छिउ
झिड़का गया
(त) 2/1 स (णिसुण+एवि) संकृ (भरह) 1/1 (णिन्भच्छ) भूकृ 1/1 अव्यय अव्यय (पहिलअ) 1/1 वि 'अ' स्वार्थिक (पट्ट) 1/1 (पडिच्छ) भूकृ 1/1
तब क्यों
पहिलउ
पहले
राज-पट्ट स्वीकार किया गया
पडिच्छिउ
8.
एवहिँ
इस समय सम्पूर्ण
सयलु
वि
करेवउ
अव्यय (सयल) 1/1 वि अव्यय (रज्ज) 1/1 (कर+एवउ) विधिकृ 1/1 (पच्छल) 7/1 अव्यय [(तव)-(चरण) 1/1] (चर+एवउ) विधिकृ 1/1
किया जाना चाहिए पिछले भाग में
पच्छले
पुणु
फिर
तव-चरणु चरेवउ
तप का आचरण किया जाना चाहिए
१.
इस प्रकार
भणेप्पिणु
अव्यय (भण+एप्पिणु) संकृ (राअ) 1/1
कहकर
राजा
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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