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मंडलु
कुत्ता होता है
होइ
जीउ
(मंडल) 1/1 (दे) (हो) व 3/1 अक (जीअ) 1/1 (मक्कड) 1/1 (माहुंडल) 1/1 (दे)
जीव
बन्दर
मक्कडु माहुंडलु 12.
सर्प
केलासहु
कैलाश पर्वत को (पर)
जाइवि
जाकर
तवयरणु
ताएं
भासिउ किज्जइ जेणेह
(केलास') 6/1 (जाअ) संकृ [(तव)-(यरण) 1/1] (ताअ) 3/1 (भास-भासिअ) भूकृ 1/1 (किज्जइ) व कर्म 3/1 सक अनि । [(जेण)+ (इह)] जेण (ज) 3/1 स इह-अव्यय [(सु)-(दूसह)-(तावयर- (स्त्री) तावयरि 1/1] (संसारिणी') 6/1 वि (तिसा) 1/1 (छिज्जइ) व कर्म 3/1 सक अनि
तप का आचरण पिता के द्वारा कहा हुआ (बताया हुआ) किया जाता है जिसके द्वारा यहाँ अत्यन्त दुसह्य-दुःखकारी
सुदूसहतावयरि
संसारी जीव के द्वारा
संसारिणि तिस छिज्जइ
प्यास छेदी जाती है
1.
कभी-कभी तृतीया विभक्ति के स्थान पर षष्ठी विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है। (हेम प्राकृत व्याकरण 3-134)
217
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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