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इच्छइ
(इच्छ) व 3/1 सक (इच्छ) व 3/1 सक (संगर) 2/1
चाहता है चाहता है युद्ध
संगरु
तुमको
ड
पेच्छ
पेच्छइ
(तुम्ह) 2/1 स अव्यय (पेच्छ) व 3/1 सक (पेच्छ) व 3/1 सक [(भुय)-(बल) 2/1] (आणा) 2/1 अव्यय (पाल) व 3/1 सक (पाल) व 3/1 सक [(णिय) वि-(छल) 2/1]
नहीं देखता है देखता है भुजाओं के बल को आज्ञा को
भुयबलु
आण
नहीं
पालइ
पालइ
पालता है पालता है अपनी दलील को
णियछलु
5.
माणु
itu vitit, i cili ili nii
छंड
(माण) 2/1 अव्यय (छंड) व 3/1 सक (छंड) व 3/1 सक [(भय)-(रस) 2/1] (दइव) 2/1 अव्यय (चिंत) व 3/1 सक (चिंत) व 3/1 सक (पोरिस) 2/1
स्वाभिमान नहीं छोड़ता है छोड़ता है भय का भाव प्रारब्ध को
छंडइ
भयरसु
दयवु
नहीं
चिंतइ
चिंतइ
विचारता है विचारता है पुरुषार्थ को
पोरिसु
संति
शान्ति
(संति) 2/1 अव्यय
नहीं
मण्ण
(मण्ण) व 3/1 सक (मण्ण) व 3/1 सक
विचारता है विचारता है
मण्ण
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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