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सोहणमासे
दिणे
[(सोहण) वि-(मास) 7/1]
शुभ-मास में (दिण) 7/1
दिन में अव्यय
शीघ्र (दित्त) भूक 1/1 अनि
दिव्य (प्रकाशमय) (बद्धअ) भूकृ 1/1 अनि 'अ' स्वार्थिक बाँधा गया (पालणय) 1/1 'य' स्वार्थिक (सुविचित्त) 1/1 वि
अत्यन्त सुन्दर
बद्धउ पालणयं
पालना
सुविचित्तं
देवमहीहरि
देव-पर्वत (सुमेरु) पर जैसे
णं
सुरवच्छो
[(देव)-(महीहर) 7/1] अव्यय [(सुर)-(वच्छ) 1/1] (वड्ढ) व 3/1 अक अव्यय (परिट्ठिअ) भूकृ 1/1 अनि (वच्छ) 1/1
देव-बालक बढ़ता है (बढ़ने लगा)
वड्डइ
तत्थ
वहाँ
परिट्ठिउ वच्छो
रहा हुआ (स्थित) बालक
7.
वड्डइ
बढ़ता है
व्रत पालन से
वयपालणे धम्मो
धर्म
(वड्ड) व 3/1 अक अव्यय [(वय)-(पालण)' 3/1] (धम्म) 1/1 (वड्ड) व 3/1 अक अव्यय [(पिय) वि-(लोयण)' 3/1] (पेम्म) 1/1
वड्ढइ
बढ़ता है
जैसे
पियलोयणे पेम्मो
स्नेही के दर्शन से प्रेम
(वड्ड) व 3/1 अक
बढ़ता है जैसे
अव्यय
श्रीवास्तव. अपभ्रंश भाषा का अध्ययन, पृष्ठ 144
295
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अपभ्रंश काव्य सौरभ
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