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जोइहिं
योगियों द्वारा
(जोइ) 3/2 (सिट्ठ) भूकृ 1/1 अनि
बताया गया
दुक्खु
दु:ख
.
(ज) 1/1 सवि (दुक्ख) 1/1
अव्यय (त) 1/1 सवि (सुक्ख) 1/1 (किअ) भूकृ 1/1 अनि (ज) 1/1 सवि (सुह) 1/1 (त) 1/1 सवि
सुक्खु किर
सुख
माना गया
जो
वह
अव्यय
और
दुक्खु
दुःख
जिय
तेरे द्वारा हे जीव आसक्ति के कारण
मोहहिं वसि
अव्यय (दुक्ख) 1/1 (तुम्ह) 3/1 स (जिय) 8/1 (मोह) 3/2 (वस) 7/1 (गय) भूक 1/2 अनि अव्यय अव्यय (पायअ) भूकृ 1/1 अनि 'अ' स्वार्थिक (मुक्ख) 1/1
गयइं
तेण
परतन्त्रता में डूबा है इसलिए नहीं प्राप्त की गई परम शान्ति
पायउ
मुक्खु
9.
मोक्खु
शान्ति
ण
(मोक्ख) 2/1 अव्यय (पाव) व 2/1 सक
नहीं
पावहि
पाता है (पायेगा)
1.
कभी-कभी एकवचन के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
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अपभ्रंश काव्य सौरभ
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