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रणभोयणु
[(रण)-(भोयण) 2/1]
रण-रूपी भोजन
9.
ढोयइ रयण
णउ
करिरयण
(ढोय) व 3/1 सक (रयण) 2/2 अव्यय [(करि)-(रयण) 2/2] (ढुक्क-ढोअ) भवि 3/1 सक (दे) क्रिविअ [(णर)-(उर)-(रयण) 2/2]
भेंट करता है (करेगा) रत्नों को नहीं हाथीरूपी रत्नों को भेंट करेगा निश्चित रूप से मनुष्य के छातीरूपी रत्नों को
ढोएसइ
ध्रुवु णरउररयण
10.
वंश
संताणु कुलक्कमु गुरुकहिउ खत्तधम्मु णउ
कुलाचार गुरु के द्वारा कथित क्षत्रिय धर्म को नहीं समझता है
(संताण) 2/1 (कुलक्कम) 2/1 [(गुरु)-(कह-कहिअ) भूक 2/1] [(खत्त)-(धम्म) 2/1] अव्यय (वुज्झ) व 3/1 सक [(मज्जा-य)-(विवज्जिअ) भूकृ 1/1 अनि (सामरिस) 1/1 वि (अवस) 3/1 क्रिवि (दाइअ) 1/1 (जुज्झ) व 3/1 सक
मज्जायविवज्जिउ
मर्यादारहित
ईर्ष्यालु
सामरिसु अवसें
दाइड
अवश्य ही समान गोत्रीय युद्ध करता है (करेगा)
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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