________________
मारिज्जइ
किं
वसण
वग्घु
दारिज्जइ
7.
किं
हंसे
ससंकु
धवलिज्जइ
किं
मणुएण
कालु
कवलिज्जइ
8.
डेंडु
किं
सप्पु
डसिज्जइ
किं
कम्मे
सिधु
वसि
किज्जइ
9.
किं
णीसासे
लोड
णिहिप्पइ
किं
225
Jain Education International
(मार) व कर्म 3 / 1 सक
अव्यय
( वसह ) 3 / 1
( वग्घ) 1 / 1
(दार) व कर्म 3 / 1 सक
अव्यय
(हंस) 3/1
( ससंक) 1 / 1
(धवल) व कर्म 3 / 1 सक
अव्यय
( मणुअ ) 3 / 1
(काल) 1/1
( कवल) व कर्म 3 / 1 सक
( डेंडुह ) 3/1
अव्यय
(सप्प ) 1 / 1
( डस) व कर्म 3 / 1 सक
अव्यय
(कम्म) 3 / 1
(सिद्ध) 1 / 1
(af) 7/1
( कि) व कर्म 3 / 1 सक
अव्यय
(णीसास) 3 / 1
(लोअ) 1 / 1
( णिहिप्पर) व कर्म 3 / 1 सक अनि
अव्यय
For Private & Personal Use Only
मारा जाता है
क्या
बेल के द्वारा
शेर
चीरा जाता है
क्या
धोबी के द्वारा
चन्द्रमा
सफेद किया जाता है
क्या
मनुष्य
काल
निगला जाता है।
阿丽丽丽和丽服
मेंढ़क के द्वारा
क्या
साँप
काटा जाता है
क्या
के द्वारा
कर्म के द्वारा
सिद्ध
वश
में
किया जाता है
क्या
क्या
श्वास से
लोक
स्थापित किया जाता
अपभ्रंश काव्य सौरभ
www.jainelibrary.org