Book Title: Agam 39 Mahanisiha Chheysutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - 11१२५॥ ||१२६॥ पहानिसीई - 9/1124 (१२५) मा नर-पयंगाहमा-जंतु खयं अनसणं समणिय केवली वातंमोत्तूण नो अत्रो निच्छयं मह तणूच्छीवे ||११९॥ (१२६) छक्काय-समारंभ न करे हंसमणि केवली पोग्गल-कक्खोरु-गुझं तं नाहिं जहनंतरे तहा ॥१२०॥ (१२७) जणणीए विनदंसेमि सुसंगुतंगोवंगा समणी य केवली बहु-भवंतर-कोडीओ घोरं गम-परंपरं ॥१२॥ (१२८) परियडूंतीए सुलद्धं मे नाण-चारित्त-संजुयं माणुसजम्मंस-सम्मतंपाव-कम्म-खयंकर ॥१२२॥ (१२९) ता सव्य-भाव-नीसल्ला आलोएमिखणे खणे पायच्छित्तमणुहामि बीयं तं न समारभं ॥१२३॥ (१३०) जेणागच्छति पच्छितं वाया मणसा य कम्मुणा पुढवि-दगागणि-वाऊ-हरिय-कायं तहेवय ||१२४|| (१३१) बिय-काय-समारंभबि-ति-चउ-पंचिंदियाण य पुसा[पि न भासेमि ससरक्खं पिअदित्रयं (१३२) ने गेण्हं सिमिणते वि न पत्थं मणसा वि मेहुणं परिग्गह न काहामि मुलुत्तर-गुण-खलणंतहा (१३३) पय-मय कसाय-दंडेसुंगुत्ती-समितिदिए य तह अट्ठारस-सीलंग-सहस्साहिद्विय-तणू (१३४) सज्झाय-झाण-जोगेसं अभिरमं समणि-केवली तेलोक्क-लग्गणक्खंभ-धम्म-तित्थंकरेण जं (१३५) तमहे लिंगंधरेमाणी जइवि हुजंते निफीलियं मज्झोमन्झीय दो खंडा फालिञामितहेव य (१३६) अह पक्खिप्पामिदितगि अहवा डिझे जई सिरं तो वीहंनियम-वय-अंग-सोल-चारित्त-खंडणं (१३७) मनसा वी एक्क-जम्म-कएणकुणं समणि केवली खट्ट-साण-जईसंसरागा हिंडिया आहे (१३८) विकम्मं पिसमायरियं अनंते मय-भवंतरे तमेव खरकम्ममहं पव्वजापट्ठिया कुणं (१३९) घोरंधयारपायाला जेणं नो नीहरं पुणो बे दियहे माणुसंजम्मंतं च बहुदुक्ख-मायणं ॥१३॥ (१४०) अनि खण-विद्धंसी बहु-दंड दोस-संकर तत्यावि इत्थी संजाया-सयल-तेलोक्क-निंदिया १३४॥ (१४१) तहा वि पावियं घमं निविग्घमणंतराइयं ताहं तं न विराहेमी पाव-दोसेण केणई ॥१३॥ (१४२) सिंगरराग-सविगारं साहिलासंन चेट्ठिमी पसंताए वि दिट्ठीए मोत्तुं धम्मोवसएसगं ।।१२७॥ ॥१२॥ ||१२९॥ ||१३०॥ ॥१३१॥ ॥१३२॥ ॥१३॥ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154