Book Title: Agam 39 Mahanisiha Chheysutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 43
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ૪ www.kobatirth.org (४६३) भयवं जे विदिय-परमत्ये सव्व-पच्छित जाणगे ते किं परेसिं साहिंति नियम-कचं जहट्ठियं (४६४) गोयमा- मंत-तंतेहिं दियहे जो कोडिमुट्ठवे से विदट्ठे विमिनेट्टे धारियण्णेहिं भल्लिए (४६५) एवं सीलुञ्जले साहू पच्छित्तं तु दढव्वए 0X-0-X0 11X111X-O अत्रेसिं निउण-लद्ध सोहे ससीसं व पहावीओ जह त्ति बीए अग्झयणे तइओ उहेसो समतो बीअं अझयणं समत्तं Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तइयंअज्झयणं- कुसील लक्षणं (४६७) अओ परं चउक्कणं सुमहत्याइसयं परं आणाए सद्दयव्वं सुत्तत्थं जं जह-द्वियं (४६८) जे उधाडं परूवेजा देजा व अजोगस्स उ या अभयारी या अविहीए अनुदिनं पि वा (४६९) उष्मायं व लभेज्जा रोगायकं व पाउणे दीहं भंसेज संजमाओ समरनंते वा नया वि आराहे ( ४७०) एत्थं तुजं विही- पुव्वं पढमज्झयणे परुवियं तीए चैव चिहिए तं बाएजा सेसाणिमं विहिं (४७१) बीयज्झयणेम्बिले पंच-नवुद्देसा तहिं भवे तइए सोलस उसे अट्ठ-तत्येव अंबिले (४७२ ) जंतइए तं चउत्ये वि पंचमम्मि छायंबिले छट्टे दो सत्तमे तिण्णि अट्ठमे आयंबिले दस (४७३) अनिक्खित्त-मत्त - पाणेण संघट्टेणं इमो महा (४६६) एएसिं तु दोन्हं पि अझयणाणं विहिपुव्वगेणं सव्व-सामण्णं वायणं ति ॥ ३२॥ निसीह - वर सुयक्खंधं वोढव्वं च आउत्तग-पाणगेणं ति ( ४७४) गंभीरस्स महा-मइणो उयरस तवो- गुणे सुपरिक्खियस्स काले सय-मज्झेगस्स वायर्ण (४७५) खेत्त - सोहीए निद्यं तु उवउत्तो भविया जया तया वाएजा एयं तु अत्रहा उ छलिजई (४७६) संगोवंग-सुथस्सेयं नीसंदं तत्तं परं महा-निहि व्व अविहीए गिण्हंते णं छलिञ्जए (४७७) अहवा सव्वाई सेयाई बहु विग्धानं भवंति उ सेयाण पर सेयं सुयक्खधं निव्विग्धं (४७८) जे धत्रे पुत्रे महाणुभागे से वाइया से भयवं केरिस तेसिं कुसीलादीण लक्खणं सम्मं वित्राय जेणं तु सव्वहा ते विवज्रए मानिसी - २ / ३ / ४६३ For Private And Personal Use Only ॥ २०६ ॥ ॥२०७॥ ॥२०८॥ 11911 ॥२॥ ॥३॥ ॥४॥ ॥५॥ ॥६॥ 11911 11211 ||९|| 119011 119911 ||१२||

Loading...

Page Navigation
1 ... 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154