Book Title: Agam 39 Mahanisiha Chheysutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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मज्णायणं-५
॥१८॥
॥११॥
॥२०॥
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॥२२॥
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॥२६॥
(७०८) एतेसिं मझाओएगे निबडइ गुण-गणाइन्ने
सव्वुत्तम-भंगेणं तित्ययरस्साणुसरिस-गुरू (९०१) से चेय गोयमा देयवयणा सूरित्य नायसेसाई
तंतह आराहेजा जह तित्यो चउब्बीसं (७१०) सव्वमवी एत्य पए दुबालसंग सुयं भाणियव्यं
भवइ तहा वि मिणमोसमाससारं परं भणे तिंजहा (७११) मुणिणो संघ तित्यं गण-पवयण-मोक्ख-माग-एगट्ठा
दसण-नाण-चरिते घोरुग-तवं चैवगळ-नामेय (७१२) पयलंति जत्थधग धगधगस्स गुरुणा वि चोयए सीसे
राग-द्दोसेणं अह अनुसएणतं गोयम न गच्छं (७१३) पच्चं महायुमार्ग तत्य यसंताण निझरा विउला
सारण-वारण-चोरणमादीहिं न दोस-पडिवत्ती (७१४) गुरुणो छंदणुवते सुविणीए जिय-परीसहे धीरे
न वि यद्धे न वि लुद्धे न वि गारविए न वि गहसीले (७५५) खते दंते मुत्ते गुत्ते वेरगं-मागमल्लीणे
दस-विह-सामायारी-आवस्सग-संजमुझुत्ते (१६) खा-फरुस-कक्कसानिह-दुनिट्ठर-गिराए सपहुत्तं
निबच्छण-निद्धडणमाईर्हिनजे पओसंति (७१७) जेयन अकित्ति-जणए नाजस-जगए नकझकारीय
नय पवयण-उधाहकरे कंठग्गय पाण-सेसे वि (७१८) सज्झाय-झाण-निए पोरतव-चरण-सोसिय-सरीरे
गय-कोह-मान-कइयव-दूरुज्झिय-राग-दोसेय। (७१९) विणओवयारकुसले सोलसबिह-बयण-मासणे कुसले
निरवज-ययण-मणिरे न य बहु-मणिरे नपुणऽमणिरे (७२०) गुरुणा कामको खर-कक्कस-फरुस-निद्वरमणिटुं
मणिरे तह त्तिइत्यंभणंति सीसे-तयं गच्छं (७२१) दूरुग्झिय-पत्ताइसुममत्तए निष्पिहे सरीरे वि
जाया-मायाहारे बायालीसेससणा कुसले (०२२) तंपिन रूव-रसत्यं मुंजंताणंनचेव दप्पत्यं
अक्खोवंग-निमितंसंजम-जोगाण वहणत्यं (७२३) वेयण-वेयावचे इरियहाए य संजमहाए
तह पाण-थत्तियाए छठें पुण धम्म-चिंताए (७२४) अपुब्ब-गाण-गहणे थिर-परिचिय-धारणेक्कमुद्धत्ते
सुतं अत्यं उमपंजाणंति अनुहयंति सया (७२५) अ-नाण-दंसण-चारित्तायार-नव-चउक्कमि ।
अणिगृहिय-चल-विरिए अगिलाए धणियमाउते
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