Book Title: Agam 39 Mahanisiha Chheysutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 28
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥५४॥ ॥५EL ॥५७॥ ||५८॥ ॥५१॥ ६०॥ JIES! अायण-२, गोसो-३ (२७९) हण मर जंअन्नजम्मेसुंवाया वि उ केइ माणिरे तमवीह जं फलं देखा पायं कम्मं पयुज्झयं (२८०) तस्सुदया बहुमवग्गहणेजत्य जत्योयवनती तत्थतस्य स हम्मंतो मारिझंतो भमे सया (२८१) जेणपुण अंगुवंगं या अक्खि कण्णंच नासियं कडि-अट्टि-पष्टिभंग वा कीड-पयंगाइ-पाणिणं (२८२) कयं वा कारियं वा विकञ्जतं वाऽह अनुमयं तस्सुदया चक्कनालिवहे पीलीही सो तिले जहा (२८३) नएक्कंनो दुवे तित्रिं वीसं तीसं न याविय संखेने वाभवागहणे लमते दुक्ख-परंपरं (२८४) असुय-मुसा-अनिट्ठ-वयणंजपमाय-अन्नाण-दोसओ कंदप्प-नाहवाएणं अभिनिवेसेण वा पुरो (२८५) भणियंभणावियं वा वि भण्णमाणंच अनुमयं कोहो लोहा भया हासा तस्सुदया एवं भवे (२८६) मूगो पूति-मुहो मुक्खो कल्लविलल्लो भवे-भवे दिहल-वाणी सुयड्ढो वि सन्चत्यऽब्मखणे लभे (२८७) अवितह-मणियं नुतं सचं अलिय-क्यणं पि नलियं जंछनीव-निकाय-हियं निदोसं सधं तयं (२८८) चोरीकका निप्फलं सव्वं कम्मारंभ किसादियं लद्धत्यस्सा विभवे हाणी अन्न-जम्म-कयाइ बीए अमपणे बीजो उसोसमत्तो. - तइ ओ- उसो :(२८९) एवं मेहुण-दोसेणं वेदित्ता यावरत्तणं केसेणमनंत कालाओ माणस-जोणि समागया (२९०) दुक्खं जरेति आहार अहियं सित्यं पि मुंजिय पीड करेइतेसिं तु ताहाबाहे खणे खणे (२९१) अद्धाण-मरणं तेसिं बहुजपं कट्ठासणं थाणुव्वालं निविण्णाणं निहाए जंति नो वर्णि (२९२) एवं परिग्गहारंभदोसेणं नरगाउयं तेतीसं-सागरुक्कोसं वेइत्ता इह समागया (२९३) छुहाए पीडिजंति मुत्त-भुत्तुत्तरे विय चरंता अहनिसं तित्तिं नो गच्छंती पसवे जहा (२९४) कोहादीणं तु दोसेणं धोरमासीविसत्तणं वेइत्ता नारयं मूओरोहा मेच्छा भवंति ते (२९५) सढ-फूड कवड-नियडीए दंभाओ सुइरं गुरुं वेइत्ता चित्त तैरिच्छंमाणुस जोणि समागया ॥२॥ ||३|| ||४|| ॥६५॥ ॥६॥ NEON HELI 1६९॥ ॥७ ॥ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154