Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्रे तितमं नवोपवासरूपं कुर्वन्ति । कृत्वाऽष्टादशं कुर्वन्ति कृत्वा विंशतितमं कुर्वन्ति कृत्वा षोडश कुर्वन्ति, कृत्वाऽष्टादशं कुर्वन्ति, कृत्वा चतुर्दशं कुर्वन्ति, कृत्वा षोडशं कुर्वन्ति, कृत्वा द्वादशं कुर्वन्ति कृत्वा चतुर्दशं कुर्वन्ति कृत्वा दशमं कुर्वन्ति कृत्वा द्वादशं कुर्वन्ति, कृत्वाऽष्टमं कुर्वन्ति, कृत्वा दशमं कुर्वन्ति कृत्वा षष्ठं कुर्वन्ति, कृ. पारणा किया-फिर ९ उपवास किये ( करित्ता अट्ठारसमं करेंति ) उस का पारणा किया-फिर ८ उपवास किये (करित्ता वीसइमं करेंति) आठ उपवास करके उस का पारणा किया-फिर ९ उपवास किये (करित्ता सोलसमं करेंति ) ९ उपवास करके उस का पारणा किया-फिर ७ उपवास किये ( करित्ता अट्ठारसमं करेंति ) सात उपवास का पारणा किया-८ उपवास किये ( करित्ता चोइसमं करेंति ) उन आठ उपवास का पारणा किया-फिर ६ उपवास किये ( करित्ता सोलसमं करेंति ) ६ उपवास का पारणा किया-फिर ७ उपवास किये ( करित्ता दुवालसमं करेंति) ७ उपवास करके उस का पारना किया-फिर ५ उपवास किये (करित्ता चाउद्दसमं करेंति ) ५ उपवास करके उस का पारणा किया-फिर ६ उपवास किये ( करित्ता दसमं करेंति ) ६ उपवास करके पारणा किया फिर ४ उपवास किये ( करित्ता दुवालसमं करेंति ) ४ उवास का पारणा किया-पारणा करके ५ उपवास किये ( करित्ता अट्ठमं करेंति ) ५ उपवास का पारणा किया-फिर ३ उपवास किये (करित्ता दसमं माह ५२री न पासो र्या. “ करिता भद्वारसमं करेति” भने तेना पारeji ध्या. त्या२ मा मा3 6वास घ्या. “ करित्ता वीस इमंकरें ति” 23 3५. पास। शन तनां पा२४i ध्या. त्या२ पछी नव वासे या “करित्ता सोलसमं करेंति " न4 पास ४२२ तेनां पा२७ ४ा. त्या२ मा सात उपवासे ४ा “ करित्ता अद्वारसमं करें ति” सात उपासना ॥२i शन
मा पासो र्या “करित्ता चोदसमं करें ति" मन म वासनां पारण पुर्या. त्या२ पछी छ वास या “करिता सोलसमं करेति" छ वासान। पाणां रीन सात पास या " करित्ता दुबालसमं करें ति" सात वास ॐशन तेना पा२४ या त्या२ माह पाय उपासो ४ा. “ करित्ता चाउद्दसमं करें ति" पांय पासे। परीने तनां पा२४ ४ा. त्या२ मा छ वासे। ध्या. “ करित्ता दसम करें ति छ उपवासनां पा२ण या, अन त्या२ ५छी यार पास . “करित्ता दुबालसमं करें ति" या२ वासना पा२i उरीन पांय 6वासे या "करित्ता अदमं करेंति" पांय वासनां पाया या अन त्या२ माह र उपवास यो. “करित्ता दसम करेंति" ऋण
શ્રી જ્ઞાતાધર્મ કથાંગ સૂત્રઃ ૦૨