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जो घटना, जो दृश्य, जो चित्र अतीत के पर्दे के पीछे एक बार ले जाते हैं, उन्हें लाख प्रयत्न करके भी मनुष्य इन चर्म-चक्षुओं के सम्मुख न ला सकेगा। अतः समय का मूल्य
आंकने की कला इस लेख द्वारा आपको प्राप्त है, मूल्यांकन कीजिए।
समय की परख
समय अनमोल वस्तु है । संसार की अन्य सब वस्तुओं का मूल्य आंका जा सकता है, परन्तु आज तक समय का मूल्य न कभी हुआ है, और न कभी भविष्य में होगा ही। समय का मूल्य तब होता जब कि वह किसी दूसरे पदार्थ के बदले में मिल सकता होता। समय का प्रभाव: __समय वेगवान प्रवाह है, और वह अविराम गति से बह रहा है । वह एक क्षण के लिए भी नहीं रुक सकता। संसार में अनेक शक्तिशाली महापुरुष हो गये हैं परन्तु ऐसा कोई नहीं हुआ, जिसने समय को स्थिर रखा हो, राके रखा हो, जाने न दिया हा । भगवान महावीर का जब पावापुरी में निर्वाण हो रहा था, तो स्वर्ग के इन्द्र ने आकर कहा था-"भगवान कुछ देर के लिए जीवन बढ़ा लीजिये। आपकी आयु के क्षण गुजर रहे हैं। इन्हें जरा-सा दर के लिए रोक लोजिए।" भगवान ने उत्तर दिया था-'देवराज, यह असम्भव है। समय की गति को राका नहीं जा सकता। जावन समाप्त होने को है, मैं उसे नहीं बढ़ा सकता, नहीं बचा सकता ! संसार का कोई भी शक्तिशालो पुरुष यह असम्भव काम नहीं
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