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४२ : आदः कन्या
है। उसके लिए यदि तुम पहले से तैयार न होगी, तो समय पड़ने पर बड़ी हानि उठानी पड़ेगी। सास से बढ़कर बहू : . बहुत-सी लड़कियों में सुघड़पन नहीं होता वे लापरवाही से उपयोगी वस्तुओं को जल्दी खराब करके फेंक देती हैं । खाने-पीने आदि की सामग्री में भी किफायत से काम नहीं लेती । एक सेठ के यहाँ की बात है, कि सास फहड़पन से भोजन में अधिक खर्च करती थी। और तो क्या, नमक भी प्रतिदिन यों ही इधर-उधर बेपरवाही से ज्यादा डाल दिया करती, अतः व्यर्थ ही नष्ट हो जाता था। घर में बहू आई । परन्तु वह थी चतुर, गृह कार्य में सास से बढ़कर, तो उसने मितव्ययिता की दृष्टि से नमक का ही संग्रह करना शुरू किया। साल भर में उस बचाए हए नमक की कीमत पांच रुपये हुए । घर वाले अपने अपव्यय को जानकर आश्चर्य चरित हो गये।
पुत्रियो ! तुम्हें घर गृहस्थी चलाने के लिए उस बहू जैसा आदर्श पकड़ना चाहिए । किसी भी चीज को लापरवाही से खर्च मत करो, और व्यर्थ ही इधर-उधर चीजें डालकर नष्ट भी न करो। प्रकृति का भंडार नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए नहीं है, उपयोग करने के लिए है।
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