Book Title: Adarsh Kanya
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 102
________________ 24 | विलास विनाश है : विलासिता से मानवता का बलपूर्वक अपहरण किया है, अतीत की ओर झाँक कर देखें, तो वह स्पष्ट हो जाता है । अत: विलास हमारा बिनाशक न बन जाए, इसका विचार करना आवश्यक है । समय के साथ-साथ भारत की गतिविधि में परिवर्तन आ रहे हैं । आज वह तप और त्याग का जीवन कहाँ, जो भारत के लिए सदैव से गर्व का विषय रहा है । आज न वह पहले सोनिका है और न वह सीधा-सादा सरल जीवन ही । लिपिस्टिक की मुस्कान : आज देश में विलासिता का बड़ा भयंकर जोर है । जिवर भो दृष्टि डालिए, उधर ही विलासिता का नंगा नाच दिखाई पड़ता है । क्या बालक, क्या युवा, क्या बूढ़े सब विलासिता के प्रभाव में बहे जा रहे हैं । विलासिता का सबसे अधिक प्रभाव भारती की नारी जाति पर पड़ा है । वह सीता और द्रौपदी जैसा कर्म जीवन आज कहाँ है ? 5 Jain Education International आज भारत के चतुर्दिक में लिपिस्टिक को मुस्कान दिखाई दे रही है, नारी का नैसर्गिक सौन्दर्य इससे नष्ट हो रहा है, परन्तु नारी फिर भी कृत्रिमता का हो पल्ला पकड़े हुए हैं । वह इस देश For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120