Book Title: Adarsh Kanya
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 109
________________ १०० : आदर्श कन्या टेक बनाए रखने से मान मिलता है ! बुद्धि-बल से मान मिलता है! तीन बातें कुटुम्ब जागरण की हैं : कुटुम्बी मनुष्यों के सुख-दुःख का विचार करना ! कुटुम्ब-सुधार के उचित उपायों का विचार करना ! कुटुम्ब के प्रत्येक मनुष्य की आवश्यकता का विचार करना ! धर्म-सम्बन्धी विचार करना, धर्म जागरण है। आत्म-सम्बन्धी विचार करना, आत्म-जागरण है। अपने कार्यों और विचारों की जांच करना, अन्तर्जागरण है। वैभव पर मोहित होना, अकर्मण्यता है । उच्च कुल पर मोहित होना, अन्धापन है। अच्छे गुणों पर मोहित होना, मनुष्यत्व है । xx दुनियाँ अनुभव की पाठशाला है। अपना घर भी विद्यालय है। भले-बुरे प्रसंग तुम्हारे शिक्षक हैं। तीन बातों से यश बढ़ता है : १. अपनी प्रशंसा न करने से । २. शत्रु की निन्दा न करने से । ३. दूसरों का दुःख दूर करने से । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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