Book Title: Adarsh Kanya
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 114
________________ ये तप को परिभाषाएँ । १०५ ब्रत खोलने के दिन हलका और थोड़ा भोजन करना। व्रत खोलने के दिन एक प्रकार से अर्ध-उपवासी रहना। स्वर्ग आदि के लालच में उपवास नहीं करना। देवी-देवताओं की मनौती के लिए उपवास नहीं करना। यश-कीर्ति पाने के लिए भी उपबास नहीं करना। जीवन-शोधन के लिए ही तप करना चाहिए। आत्मा को उज्ज्वल बनाने के लिए ही तप करना चाहिए। तप आत्मा का पौष्टिक भोजन है। तप से तन और मन दोनों की शुद्धि होती है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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