________________
१८ : आदर्श कन्या
भुखमरा का राज्य हो जाता है। हाथ खुला रहने से ही लक्ष्मी का द्वार खुल जाता है । और मुटठी बन्द से,लक्ष्मी का द्वार बन्द हो जाता है अतः हाथ मुला रहने की आदत डालो। ___ बहुत-सी लड़कियाँ बड़ी भुक्कड़ होती हैं । जब कभी पिता, भाई या कोई रिश्तेदार घर में खाने-पीने की चीज लाता है, तो भुक्कड़ लड़कियाँ पीछे पड़ जाती हैं। सबसे पहले दौड़कर माँगना, अपने हिरसे से ज्यादा माँगा, न मिलने पर रोना, चिल्लाना, लड़ना, झगडना, गाली देना आदि बहत खराब बात हैं। मन में सन्तोष रखना चाहिए । जब सब भाई बहिनों का चीज बाँटी जाए, तभी लेनी चाहिए और अपना हिम्सा लेकर भी सबको बाँटकर या लेने के लिए कह कर हो खाना चाहिए।
जब कभी पाठशाला में अथवा घर में कोई खाने की चीज खरीदो तो सबके सामने अकेली मत खाओ। खाने से पहले साथ की लड़कियों को खाने के लिए आग्रह करो । बहुत-सी लड़कियाँ सोचा करती हैं, कि-"जब दूसरी लड़कियाँ हमें नहीं देती हैं तो हम ही उन्हें क्यों द?'' यह सोचना ठीक नहीं। तुम अपना फर्ज अदा करो। उनकी वे जाने । तुम क्यों ऐसी छोटी बात ख्याल में लाती हो? जो चीज खरीदो, या खाओ, बड़े आदर के साथ और नम्र शब्दों में साथ की लड़की को भी खाने के लिए आग्रह करो । बहुत-सी लड़कियाँ, गरीब लड़कियों का चिढ़ाने के लिए दिखा दिखाकर खाया करती हैं-यह आदत बड़ी खराब है। ऐसा करने से उसके दिल को कितना दु:ख होगा, जरा विचार करो। तुम्हारे पास धन है, तो दूसरों को मदद करने के लिए है, न कि उन्हें चिढ़ाने के लिए। तुम्हें तो भारत की सन्नारी अन्नपूर्णा देवी बनना चाहिए।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org