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४६ : आदर्श कन्या से काम लो। अपने को हीन न समझो, अपने गौरव में विश्वास रखो। संसार में कौन-सा ऐसा कठिन काम है, जिसे तुम नहीं कर सकती हो। इसके लिए और कुछ नहीं, बस अपने करने योग्य कामों को खूब लगन और परिश्रम से करना सीखो। बचपन में गुड़िया से खेलने, और बड़ी होने पर थोड़े-बहुत घर के धन्धे कर लेने में ही अपने उच्च नारी जीवन के गौरव को नष्ट मत करो। तुम अपने को बड़े-बड़े धार्मिक और लौकिक कार्य करने के योग्य बनाओ हिम्मत मत हारो । सब कुछ अच्छे काम करने के योग्य बन जाओगी।
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