Book Title: Adarsh Kanya
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 56
________________ प्रत्येक विचारक को यह स्वी कार है कि व्यवस्थित कार्य, व्यवस्थित बुद्धि का प्रतोक है। तुम अपने आपको बुद्धिमति सावित करना चाहती हो, तो उसका आसान तरीका इस निबन्ध में मिल जाएगा। व्यवस्था की बुद्धि मानव जीवन में संयत और व्यवस्थित जीवन का बहुत अधिक महत्व है जो भी काम करना हो, वह पूर्ण रूप से व्यवस्थित होना चाहिए । उच्छृखल और अमर्यादित अवस्था में किसी भी काम की कोई भी अच्छी व्यवस्था हो ही नहीं सकती। अवस्था कौशल : नारी का जीवन घर-गृथस्थी की रंग-बिरंगी दुनिया का जीवन है । घर तथा बाहर के बहुत से काम स्त्री को करने होते हैं । घर में छोटी-मोटी सैकड़ों चीजें होती हैं । उन सबकी देख-भाल रखने का भार स्त्री पर होता है । स्त्री यदि चतुर है, तो घर की छोटी से छोटी चीजों को भी आवश्यकतानुसार सम्भाल कर रखती है । और यदि वह मूर्ख होती है, तो फिर घर का कुछ पता नहीं रहता। चन्द दिनों में स्वर्ग-सा समृद्ध घर अव्यवस्थित और उजाड़ हो जाता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120