Book Title: Adarsh Kanya
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 72
________________ 16 I सरलता और सरसता विश्वासी मनुष्य का संसार में बड़ा आदर होता है। जिस पर समाज का विश्वास होता है, वह अपने कामों में लोगों से बड़ी सहायता प्राप्त करता है । तुम जानती हो, यह विश्वास कैसे पैदा किया जा सकता है ? उत्तर- " सरलता से, सरसता से ।" तो जो मनुष्य सबका विश्वास पात्र बनना चाहता हो, उसको सबसे पहले जीवन में सरसता तथा सरलता लानी होगी और कपट - कुटिलता का परित्याग करना पड़ेगा । | नारी सरल हृदय हैं, तो वह देत्री है। सरल हृदय है, तो वह मातृत्व से भूषित है । जिनमें दोनों गुण हैं वह भगवती है अब आपकी पसन्द है आपका चुनाव है । सरलता का गुण प्राणि-मात के लिए उपयोगी है । क्या स्त्री, क्या पुरष, क्या बूढ़े, क्या नौजवान सभी उससे लाभ उठा सकते हैं और प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं । परन्तु स्त्रियों के लिए तो यह अतीव मावश्यक गुण है। बिना परस्पर विश्वास के गृहस्थी एक क्षण भी नहीं चल सकती । आपस का विश्वास ही गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाता है । और यह विश्वास बिना सरलता के हो ही नहीं सकता । दर्पण बनो पुत्रियों ! तुम्हें सरल और निश्छल रहना चाहिए मन में तरह : Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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