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नारी के जीवन को आदर्श-जीवन बनाने वाले सद्गुणों का चित्रण पढ़िये !
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आदर्श नारी कौन ?
जो सौन्दर्य को नहीं, शील की उपासिका हो, जिसको साज शृगार से नहीं, स स्वच्छता से प्रेम हो, - वही आदर्श नारी है।
त्याग की अखण्ड ज्वाल!
और सेवा की भावना जिसके जोवन के, कण-कण में, ओत-प्रोत हो, -वही आदर्श नारी है
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मन पर, वचन पर, तन पर, जिसका कठोर नियन्त्रण हो, जिसके शरीर के कण-कण पर सदाचार का अखण्ड तेज झल'कता हो, -वही आदर्श नारी है।
जिसके हृदय-कमल में, दया का अमृत हो, जिसके मुख कमल' में, मधुर सत्य का अमृत हो, जिसके कोमल कर कमल में दान का अमृत अखण्ड धारा से प्रवाहित हो; -वही आदर्श नारी है।
जो प्रेम और स्नेह की जीवित मूर्ति, मधुरता की शीतल गंगा,
| जो वज्र से भो कठोर | और कूल से भी कोमल हो.
जो विपत्ति में बन बनकर
और | सम्पत्ति में फूल बनकर,
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