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________________ नारी के जीवन को आदर्श-जीवन बनाने वाले सद्गुणों का चित्रण पढ़िये ! - - - - आदर्श नारी कौन ? जो सौन्दर्य को नहीं, शील की उपासिका हो, जिसको साज शृगार से नहीं, स स्वच्छता से प्रेम हो, - वही आदर्श नारी है। त्याग की अखण्ड ज्वाल! और सेवा की भावना जिसके जोवन के, कण-कण में, ओत-प्रोत हो, -वही आदर्श नारी है - - मन पर, वचन पर, तन पर, जिसका कठोर नियन्त्रण हो, जिसके शरीर के कण-कण पर सदाचार का अखण्ड तेज झल'कता हो, -वही आदर्श नारी है। जिसके हृदय-कमल में, दया का अमृत हो, जिसके मुख कमल' में, मधुर सत्य का अमृत हो, जिसके कोमल कर कमल में दान का अमृत अखण्ड धारा से प्रवाहित हो; -वही आदर्श नारी है। जो प्रेम और स्नेह की जीवित मूर्ति, मधुरता की शीतल गंगा, | जो वज्र से भो कठोर | और कूल से भी कोमल हो. जो विपत्ति में बन बनकर और | सम्पत्ति में फूल बनकर, Jain Education International al For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org ww
SR No.003413
Book TitleAdarsh Kanya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1994
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & Conduct
File Size4 MB
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