Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
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मेरा परमगुरुवर्य आचार्य श्री 108 प्रज्ञाश्रमण देवनन्दि जी महाराज के पावन चरण कमलों में बारम्बार नमोस्तु है। मैं उनकी इस कृपा से कृत्तज हूं कि उन्होंने मुझ सदृश पामर को अपने चरणों में स्थान दिया तथा इस ग्रंथ के सम्पादन का दुरूह कार्य सौंपा। मैंने अपनी ओर से यथाशक्ति प्रयत्न किया है कि कृति अपने उद्देश्य में पूर्ण हो। फिर भी ज्ञान का सागर अथाह है तथा मुझ सदृश अल्पमति से कोई भूल हुई हो तो पाठक उसे सुधारकर पढ़ें। यदि पाठकों को इस कृति से कुछ भी लाभ हुआ तो मैं अपना श्रम सार्थक समझूगा।
नरेन्द्र कुमार बड़जात्या
छिन्दवाड़ा (म.प्र.) दिनांक 24 जनवरी 1996