Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 10
________________ - - ( ८ ) यो लापहरलांजवनोरे, तिहांमोघो घोबराबसलायेंरे, धर्मलालबीघोपामालोय्युशब्नरे,भस्तङ में छहां समाहा व्रत पीय्यरवारे, नशुं| शनिहां एतामेश्या घरसुध्धेरे,नृपन्ने वाघ्योगाशमोगंधभुनिसररे,हेजी हि बतूष्योगलाथूखिलरमुनिवररे, पंथसी | रियषीया संमूति विजय रे,भारणमा मलीयाराणाप्रएभी बोलेरे,सुळही. साहीबेंगवटेसूरि सगानीरे, तोमनुमति खीपासिरीयाडेरीरे, तिहांजापामा गीमायारन पासेरे,दीये व्रतवैरागी। पशासूरिसाथ विहारीरे, श्रुत नियमल्या सीपमातमसुविलासीरे,रहे शुश्सवासी [ संबभशुरभतारे, निशहिन मुनिरा या पनहिं मोहने भभतारे, सभाराया - - - - Jain Edulltiona International For Personal and Private Use Only www.jairlibrary.org

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