Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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( २५ ) भोरपडीटहुमाउरती,पापीअभवशे सरती परगापालारवे लरबलवरसे, पिजीयुगल भाले रशे, विरही नारी डिशुं| उरशेपहारगानाशोभासें धीवापी,सान उर सेवनें सुंभावी,शंजीथासी पीयुनावी पारगाएघसीताससीलोबनभां,अर्तिउसीतयां वनमां, टेनीसासेघणुंमनमा एटारगामार्गशिरें मनमथ नगे, मोहनामा ए घणां वागे, नमोहन मस्तालागेन परगापोषते शोषउरे धान, शुज्रेसोपारीपान,वस्सल विएनवलेवान एगणारगा माहामासेंबढ्यो पडशे, शीतल वायुवपु यडशे,नाम मनंगघणुंनऽशेपारुप शशुऐजउजाती होसी पहेरीयरणाने योसी, उसरघोसी भसीटोसी ।पशारण खोऊ वसंत भघुरमशेयषजवनें लमन
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