Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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र 3७ ) युगपहें पीस्तादीशावानानायुनवाएं। वरीस.पवागाश्रीशुलवीर प्रत्लुथीरे,वरसपन्नरशतोयपवागासुरमोसुर होय एवागा मुनिसभनहीं ओयावागाणा
पढासमटारभी प्यारा सरह पूनमनीरात, रंगलरेरभी लेखारे देशी एगायोगोतमगोत्रमुणिंह, रस वैराग्य गोमायोशामुनिवर तारउमाशेय,थुएीयो लास न्नयोरेपायोराशीभी योवीशी मेऊ, मुनि थूलिलरसभाथाशे रितास परंतर बनीटेड, गुणिनन बिनभुषथी गाशेरेशातपाछमां उसरी यो सिंह,सिंहमूरिसुतुबपरीयारे सत्यविनय संवेग निरीह, उपूरसमुन्वय गुण लरियारेएप्रिभाविनय वसीपः त,सुनसविनयवासीरे पंडितश्री
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