Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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उहुंधुं हुंशिरनामपण्यायोमिइंजिन महुँ, पोहोंचे वंछित माशबहेवा वसी|
हां मावन्ने, वीसरसो नहीं स्वास एजाए रमित मांशु नाजती, विउसित मोक्षे वयाण सुश्वांधी प्रलुसावन्ने, महारा धर्मस्नेही स यपाएटा उहेथूसिल तुमे सावन्ने, भुस्ति महेसनी माहेनन्मनशनहीं तिहां धरमशु मन डीछोहि पलामोती थासवन घावीने, मेश्याहीप माहेश एमुनिवर रजे. वीसारता, अविहारी तुमवेश फराथूसिल्म रतिहाथी चालिया, उरताशुध्ध विहाररान्वांद्यानिन शुश्लगी, उहे हुन्छरसरमाया या श्रीशुश्थूसिलरने उहे, तुंगसायो सिंहराजेश्याने प्रतियोपतां, तेंराणी बगा सीह शायोराशीयोबीशीये, मलंगरयो तुन नाम रोश्या वयणाथी नवियस्योधूपि
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