Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 64
________________ ( 3 ) एकानेहवावया सुपी मुनिवरना, पोश्यासमति पामीरे परब्लेडी वंधी तिहने,ध्यरतन शिरनामीरेतुनाटा । सोहामेश्यायें समति पाभीयो,थून खिलर प्रीतम पास एसान सश्स हिनमान रो, पन्ययित्रशासियावाशापरणे भोहो सेंसुजलोगव्या,रती परेनेभाणे मोहोखे वसी ब्रतपीया, हुवे नवाथुमार पतेमाटेत छहारहो, थूपिलरऋषीराय एउहेथूसिलरोश्यासुगो, ममेन्नसुं शुरू पायाहवेयोमासुगतरे, मुब शुइन्नेवे | वाटाव्रतडो पाखन्ने, भघरीशमन हीयाटावाशीणामीधी लसी,डोश्याने तेएीवार ए तव वनिता मिवीनवे, धन्य धन्य, तुमअवतार पाडीपाय डीघाघरातुन भने यूश्ववास्वाम एजभन्ने मुन सपराधने, Jain Edug liona International For Personal and Private Use Only www.jainstprary.org

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