Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 83
________________ mammar - - (८२) पहेससाउासा समस्तथोपेहरजी,नारायएसघघुते निरजी, घरें पोहोता अमृत बिन परजी पहेससगागा १८. राघरे भावी अन्ह, समुरविनय संघात मसतत डीपी राउहे नेह निधन नेभीसर विवाद हनी वात प्रसिध्धी एमे मांउएी राणग्रसेन राननी बेटीछे, रालमती पनी पेटीछे, तस. नागपरलायेटीछेरा घरे पण ते सायेसगापा छन्नेडीछे, बेसाठलवांतर रोडीछे, हवे नवमें लवेंशंतोडीछा घरेनाशा पछीसगनब्नेना शीउ रीघांछे,श्रावण शुहिण्डेसीघांछे मत नुडे उपट डीघांछे ए घरेनाशाहुममेस नथायेछे, हवे नेमळ परवानयेछ, उहे। अमृतघवष गवायेछाघरेगाचा ||१८. शुलमानउरी, विधिपूर्वशएशारी निङ शिरधारी एवरघूपधरी,उरघरी श्री - । - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jaithilibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90