Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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(४६) शिनाव्योपशाहरभर हरभर मेहुलोकन रिसे, वाराणसहप जपावारेशा मापजिपी पीज पोगरे, तिमतिमहिपहुंधबेरोनाल्योगावेरीनी परेनेवरसायो भुने,नावीने पागो भाडोरेपतनभन तलपे भलवा माटे, मेछमने पीजडो हेमागेरेना व्योपागाणे अवसरें श्रीशुश्माहेशे,वार पथसिनरयोभाशुजाच्योरेगाीय रतन उहेश्यारशे, मोतीयडे बघाव्यारेशनाव्योग पोश्याने व्याप्यो विरह मुर्थशोणितारो रिपरा ____ोहाणे अवसर श्रीशुश्तएो, सई मादृशजहार रायोमासु रहेवाली श्रीथूविलर भएगार पार्था समिति शोषता, हसवा घरता पायापजालपणानी |पहभएी, थूषित्म मनावा न्नय पशावा
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