Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 55
________________ + - - -- ( ५४ ) पितवे, नाटउरी मेजा हाव.लावन माउसु,सळ शोखे सुविवेङराणा सजीव शवीश लेसीउरी, नाट मांडयो सारी पउहे ओश्या त्रीया, सहियरमा शिरशारद | पठाए पायभी।देशी पूर्वी एमांडयो नाटारल, महारंग वरसेरे मेहसुंभांडयो वार, माननी तरसेरेसनेमांडणी गगन मंडलमा जीडो गाडे,वागा महोसमां भांडलवादायित्रशालीभांवीणावाले,भोर सवे शिरिउंबरे महारंगणापापीण पीसे पीण यात जोसे, वागाटहुटहु श्रेषसटहुडेरे ए धुघरडीना घमारामा, ताथै | तान नयूसरे महागाशा बसहसमनेब्लवबलूले, वापतेतो नसभालाने लन परेण पाहानीह खापमभोला नेहवा, हरिया शामुमति दीपेरे एमहागागाप्रेमतो । - - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jaimalibrary.org

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