Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 37
________________ - । गुश्वय छावागाभागारी विसोन उतारे,यलीया अमने दृशपवागाजेश्या नेपदेशपवाना थिरीघो मुनिवेशावान एनारधारउ प्रतिमोघलयोश्याथीरे, पियभाहाव्रत धारावागापाभ्योसुर म वतारवानाओश्याने पगाररावागाओ श्या धर्मउरीने गछर,शुलगति अवतारा वानामपत्यो संसार एवानापन्य घन्यसेनगनाररावागापासाठवरसमा माह पूश्व मुनि लगीयारे, मनित्यनि समल्यासरावानालसाहु शुश्पास एवागारहेतांशुश्सवासावागामर्थय डीयटी पूरव लएयारे,उर्छउहे शसार एवापासूत्रे अंतिम यारावाला श्रुतळेवसी निरधारावागारात्रीश वस घरवासावि खासे वसीयारे,वरसवतेग्रोवीशावा T Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jaindlbrary.org

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