Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 27
________________ - (२६) शे,तेटिन भुकसाथेगमशेगारगान वेशाप्सरोवर नथु,उतजीयनवनस हीशु,हेपीयरशीतलथ\षटारगर पंथी पशुप्रेमभेला, नएीये मध्य निशीवेसा, बेहपोरें लसीवेला पाप मोहन भाएलोभेहरअरी, धिताहेपी हुन पिलरी,मारे भास विसास घरी एपहार एनाटउरंगरसें उरभु, धवलही हिपहुंहरशं,उहे शुत्नवीर नवियपशुंपारण दापयशभी एमावोगावोरेट शोधनाअन गोठडी उरीयामेदेशी मुनिशब उहे सुगोवेश, हावन लाव्यारोप देवातुभने जीपदेश, नमोऽहां साव्यारे पागयोमेटलो अस विशेष,उसनविकरी योरे साहेलीयानो अपडेश,समनुन सरीयोरेशानिन धर्मवशे शिवनारिनो - Jain Edultiona International For Personal and Private Use Only www.jaind brary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90