Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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( १२ । होगावेश्याने वयसा माणेसुंध्या होना एनपैयो पीयुपीयुउरतो तुमने वाहन एथोडे थोडेजडेजा घघुसवे पाहोल पयागाहोगासुगाहोगामाषा बलवरसे गाने वीनसीहोगावाहलेसरविएशीसो पारी जहमी होगा असंतरशुलवीरमुनि वर मावियागहोगामेश्यायें भुनाइसणं रेवघाविया पाहोगायागाहोरासु-हो | एटापसातमीसनेही वीर ब्व्य
मरीरे देशी एवेश्या वधाव्या स्वामी रिजली भागद साशिर नामीरे, उहे सां लखो मंतरन्नमी पावावालनी वाटी ममें नेतारेण प्रेमाउथी । विरहानघघी हेहरे, धएण वरस रही हुंगेहरे,पन ए नान्यो नगीनो नेह पवागाशामभीस ||मरे निशिघोगरे, नम हवघर पेभोन
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