Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 23
________________ - ( २२ । होर वारी बामगापएलोउउहे टीवोन विरानगाशुलवीरधीर मुनि तो पडेमन ने पावर्धने पानो यडेएमगाया पढाए जारभी एमनेापी बशोधन नेछयेरेरामेशीएथूसिलहेसुए जालारे, तुंश्याने उरेछेयासारे विनिताशंन्नस विलासरे.तेनर जीयानाधासा शिपान्नेषनीयानोले स्टोरे, तेतोया रहीवसनोयटओपछे अयनो शींसोल टड्योरे,हीडामनभावेउटडोरेशन गटीयानोजसंगररे,नाटडीयानाशएगा। रोए धनवंत हो नि भ्यरे, बेड्यो संध्या येरागरे।ट्रंपस पीपसनुपानरे,उपटी || नरनुं निभध्यानरेगलूपासतपुंघर्पुमान रे,यसउंबरउरोशनरोगनायपवानारी नांनथणारे, हुर्खननां भीडांवयवांगाधना Jain Edulltiona International For Personal and Private Use Only www.jainbrary.org

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